FIR किसे कहते है | जानिए FIR के बारे में पूरी जानकारी ||
आज हम जानेगे की FIR क्या होता है | अगर कोई पुलिस अधिकारी आपका FIR नहीं लिखता है | तो क्या करना चाहिए | हमें कौन कौन से कानून अधिकार किये गए है | आज हम ये जानेगे |
FIR ( first
information report ) :- ये FIR दो तरह के होते है |
1. Cognizable offence ओफ्फेंस- ( संज्ञेय अपराध )
2. non - cognizable offence ओफ्फेंस- ( असंज्ञेय अपराध )
cognizable
offence ओफ्फेंस- ( संज्ञेय अपराध )
ये व अपराध है जिसमे पुलिस बिना साबुत के आपको गिरफ़्तार कर सकती है और अपराध गंभीर किसम का होना चाहिए ||
non –
cognizable offence ओफ्फेंस- ( असंज्ञेय अपराध )
ये व अपराध है जिसमे पुलिस आपको बिना साबुत के आपको गिरफ़्तार नहीं कर सकती है ये अपेक्षा अनुसार कम गंभीर किसम के अपराध होते है |
यदि संज्ञेय अपराध हुआ है | तो इसकी सुचना पुलिस को दी जानी चाहिए | और जैसे ही ये सूचना पुलिस को दी जाती है पुलिस अपने फिर ragister में नोट करती है जिसे हम ( फर्स्ट इनफार्मेशन रिपोर्ट ) कहते है | इसका section - 154 में है | ये nearast पुलिस को दी जाती है | यानी की ज्यादा तर लोग ये समझते है की fir उसी जगह पर करनी चाहिए | जिसके अंतर्गत ये घटना घटा है | ये ऐसा बिलकुल भी नहीं है | अगर घटना घटा है या आप खुद ही पीड़ित है | तो किसी भी पुलिस स्टेशन में जाकर शिकायत कर सकते है | सबसे महत्पूर्ण बात अगर पुलिस को सुचना दी गयी है तो पुलिस का काम है fir लिखना ragister में नोट करना | यदि घटना उस area में नहीं घटा है किसी और area में घटा है | तो पुलिस उसे नोट करेगी जिसे हम उसे 0 फिर कहते है | ये fir उसे भेज देगी जिसके अंतर्गत आता है |
माना आम आदमी को कैसे पता चलेगा की Cognizable ओफ्फेंस है या
non -
cognizable offence है | हमारे पास दो धराये होती है| section - 154 ,
section - 155 जो fir
लिखता है उसे पता होता है कौन सा Cognizable offence है कौन सा non - cognizable offence है |
अगर व व्यक्ति पुलिस के पास गया और उसे लगता है की ये non congnizable है तो उसे NCR RAGISTER में नोट करेगी |लेकिन शिकायत हम दो तरीके से कर सकते है | (लिखित मौखिक ) पुलिस आप पर दबाव नहीं बना सकती है | section - 154 ये अधिकार देती है की अगर शिकयत मौखिक है तो पुलिस उसे लिखेगा ||
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